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प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्रश्चित प्
अरे अजजाज़ बलाज समझ वाले तो तयार उठा नहीं तो क्योंको भता थे
इसलिए ज़व अच्छी बात है करना
इसलिए गंदी गंदी अपने अपने तुम लोगों को चोटे बच्चे खेलने सोचने चुई है न
प्रदाजी जानवोची थोड़ी कर रहे थे वो तो हो गया